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June 2020 India Letter

प्रिय पास्टर, अगुवों, संचालक गण, और भारत के लाइव स्ूल के छात्र 

हम आपका यीशु के बहुमूल्य नाम में अप्रभवादन करते है। 

हमारा प्रवश्वास है प्रक इस लॉक-डाउन में यह ई-मेल आपको आनन्द और उत्साह िदान करेगा  

हम आपकी कमी का अनुभव करते है, परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो प्रक आपके जीवन मे उसका हाथ पाया जाता है। 

हालांप्रक यह वायरस बहुत सारी समस्याओ को लेकर आया है, परन्तु हम प्रवश्वास करते है प्रक, अभी भी सभी कुछ  हमारे उद्धारकता के प्रनयंत्रण मेंहै, और वह हमें इस पप्ररप्रस्थप्रत से और अप्रधक सामथी हो कर प्रनकालेगा और खोये  हुओं के पास पहुुँचने के प्रलए और अप्रधक िेप्ररत करेगा। 

हम आप को उत्साप्रहत करना चाहते है प्रक, इस समय मे आप प्रनरंतर िभु यीशु को खोजते रहे। 

यह वह समय है जब हम उस के पास जा सकते है और 2020 के प्रलए जो हमारा दशशन, लक्ष्य और रणनीप्रत है  उसका पुनः अवलोकन कर सकते है। मै जानता हूुँ प्रक इस वायरस के कारण हमारी समय सारणी पप्ररवप्रतशत हो चुकी  हैऔर आप अपने लक्ष्यों की िाप्रतत करने में लगभग कुछ माह पीछे हो गए है। 

हताश न हो और ना ही छोडे, इस वर्श भी, लाइव स्ूल को प्रिर से िारंभ करने और नए स्ूलों को िारम्भ करने  के प्रलए परमेश्वर के पास हमारे प्रलए बहुत कुछ है। मैं प्रवश्वास करता हूुँ प्रक आप में से कुछ, जब वह परमेश्वर को  खोज रहे है, और जो अपने स्ूल का संचालन कर रहे है वह इस के साथ ही साथ अपने स्थान में एक और नए स्ूल को स्थाप्रपत करेगे। या यप्रद आप ने अभी भी अपने स्ूल को िारंभ नहीं प्रकया है, उनके प्रलए यह सवोतम  समय होगा जब वह परमेश्वर की वाणी को सुने प्रक वह आप से प्रकस स्थान पर स्ूल को िारंभ करवाना चाहता। 

रोप्रमयों 8:18 में रोम की कलीप्रसया को िेप्ररत कहता है:- क्योंप्रक मैंसमझता हूं, प्रक इस समय के दु:ख और क्लेश उस मप्रहमा के साम्हने, जो हम पर िगट होनेवाली है, कुछ भी नहीं हैं। 

आप प्रकसी भी िकार की चुनौप्रतयों के दौर में चल रहे हो, उन सभी को प्रपता परमेश्वर के हाथों में सौप दे, और उस  पर भरोसा रखे वह आप को इन सभी से प्रनकल देगा। 

यह समय आशा रखने और आगे की ओर देखने का है प्रक परमेश्वर, पप्रवत्र आत्मा द्वारा आपके अन्दर और आपके  द्वारा क्या करवाना चाहता है। रोप्रमयों 5:5 “आशा हमको प्रनराश नहीं करती है।” 

इसप्रलए हम आपको उत्साप्रहत करना चाहते है प्रक आप ऊपर देखे और परमेश्वर की भलाई को देखे। रप्रव जकाप्ररयास  कहते है: ‘कोई भी कभी भी खड़े रह कर अपनी प्रवरासत का प्रनमाण नहीं कर सकता है।’ 

हम आपको रोप्रमयो 8 अध्धध्धयाय में ही छोड़ देते है क्योप्रक प्रजन पप्ररप्रस्थप्रतयों मे आप अपने आपको िं सा हुआ अनुभव  करते है, उसके प्रवर्य में इस अध्धयाए में बहुत कुछ प्रमलता है। 

मैं आपको इस सम्पूणश अध्धध्धयाय के द्वारा उत्साप्रहत करना चाहता हूुँ। इस में उत्साह िदान करने के प्रलए बहुत सारे  पद पाए जाते है। 

परमेश्वर आपको, आपके पप्ररवारों और आपकी सेवकाई को आशीर् दे। हम भी आपसे सुनना पसंद करेंगे। आप हम  को ईमेल कर सकते है। 

आपको बहुत सारी आशीर्ेप्रमले  

इवोर और प्रहलेरी